सनातन संस्कृति और जल
विश्वजल दिवस विशेष 〰〰🌼〰🌼〰〰 पानी से जुड़ी बुरी आदतें आपके लिए बन सकती हैं जहर 〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰 पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कहते हैं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दिनभर में कम से कम आठ से दस गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। पानी पीना फायदेमंद तो होता ही है लेकिन तब जब सही मात्रा में और सही तरीके से पीया जाए। अगर पानी को गलत तरीके से पीया जाए या गलत समय में अधिक मात्रा में पीया जाए तो वह शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, ऐसा आयुर्वेद में वर्णित है। आयुर्वेद को जीवन का विज्ञान माना जाता है,भोजन से लेकर जीवनशैली तक की चर्चाएं इस शास्त्र में समाहित हैं। आज हम आयुर्वेदिक ग्रन्थ अष्टांग संग्रह (वाग्भट्ट) में बताए गए पानी पीने के कुछ कायदों से आपको रूबरू कराने का प्रयास करते हैं। चलिए जानते हैं पानी कब, कैसे और कितना पीना चाहिए…… 1. भक्तस्यादौ जलं पीतमग्निसादं कृशा अङ्गताम!! खाना खाने से पहले यदि पानी पिया जाए तो यह जल अग्निमांद (पाचन क्रिया का मंद हो जाना) यानी डायजेशन में दिक्कत पैदा करता है।* 2. अन्ते करोति स्थूल्त्वमूध्र्वएचामाशयात कफम! खाना खाने के बाद पानी पीने से शर