Jagadguru Shri Rambhadracharya in court in ayodhya matter
तुलसीदासजी द्वारा बाबरी मस्जिद का वर्णन ! एक तर्क हमेशा दिया जाता है कि अगर बाबर ने राम मंदिर तोड़ा होता तो यह कैसे सम्भव होता कि महान रामभक्त और राम चरित मानस के रचइता गोस्वामी तुलसीदास इसका वर्णन पाने इस ग्रन्थ में नहीं करते। ये बात सही है कि राम चरित मानस में गोस्वामी जी ने मंदिर विध्वंस और बाबरी मस्जिद का कोई वर्णन नहीं किया है। हमारे वामपंथी इतिहासकारों ने इसको खूब प्रचारित किया और जन मानस में यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि कोई मंदिर टूटा ही नहीं था अरु यह सब मिथ्या है। यह प्रश्न इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष भी था। इलाहाबाद उच्च नयायालय में जब बहस शुरू हुयी तो श्री रामभद्राचार्य जी को Indian Evidence Act के अंतर्गत एक expert witness के तौर पर बुलाया गया और इस सवाल का उत्तर पूछा गया। उन्होंने कहा कि यह सही है कि श्री राम चरित मानस में इस घटना का वर्णन नहीं है लेकिन तुलसीदास जी ने इसका वर्णन अपनी अन्य कृति 'तुलसी शतक' में किया है जो कि श्री राम चरित मानस से कम प्रचलित है। अतः यह गलत है कि तुलसी दास जो कि बाबर के समकालीन भी थे,ने इस घटना का वर्णन नहीं किया है