॥ नवनागनामस्तोत्रम् ॥ श्रीगणेशाय नमः । अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम् । शङ्खपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा ॥ १॥ एतानि नवनामानि नागानां च महात्मनाम् । सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः ॥ २॥ तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ३॥ ॥ इति श्रीनवनागनामस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
This Blog is just a collection of knowledge and information which may be helpful for us, from different sources based on Hindu Mythology. We compile content from various sources to present a broad view. While we strive for accuracy, we cannot take responsibility for any inaccuracies or misinterpretations in the posts. We welcome your feedback and suggestions to help us improve and ensure the information we share is as accurate and respectful as possible. Join us on this journey of exploration a
शनिवार, 4 मार्च 2017
नवनागनामस्तोत्रम्
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कुंभ महापर्व
शास्त्रोंमें कुंभमहापर्व जिस समय और जिन स्थानोंमें कहे गए हैं उनका विवरण निम्नलिखित लेखमें है। इन स्थानों और इन समयोंके अतिरिक्त वृंदावनमें...
-
पिशाच भाष्य पिशाच के द्वारा लिखे गए भाष्य को पिशाच भाष्य कहते है , अब यह पिशाच है कौन ? तो यह पिशाच है हनुमानजी तो हनुमानजी कैसे हो गय...
-
*कार्तिक माहात्म्य (स्कनदपुराण के अनुसार) अध्याय – ०३:--* *(कार्तिक व्रत एवं नियम)* *(१) ब्रह्मा जी कहते हैं - व्रत करने वाले पुरुष को उचित...
-
मनुष्य को किस किस अवस्थाओं में भगवान विष्णु को किस किस नाम से स्मरण करना चाहिए। 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ भगवान विष्णु के 16 नामों का एक...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If u have any query let me know.