मंगलवार, 19 जून 2018

विनोद खन्ना द्वारा लिखी गई आत्मकथा की खूबसूरत पंक्तियां



"जब मुझे पर्याप्त आत्मविश्वास मिला.... तो मंच खत्म हो चुका था.... जब मुझे हार का यकीन हो गया तब मैं जीता...... जब मुझे लोगों की जरूरत थी... उन्होंने मुझे छोड़ दिया.... जब रोते हुये मेरे आँसू सूख गए.... तो मुझे सहारे के लिए कंधा मिल गया.... जब मैंने नफरत की दुनिया में जीना सीख लिया... किसी ने मुझे दिल की गहराई से प्यार करना शुरु कर दिया.... जब सुबह का इंतजार करते करते मे सोने लगा... सूर्य निकल आया..... यही जिंदगी है... कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या योजना बना रहे हैं आप कभी भी नहीं जान पाते हैं कि जीवन आपके लिए क्या योजना बना रहा है... सफलता आपका दुनिया से परिचय कराती है और असफलता आप को दुनिया का....! इसलिए हमेशा खुश रहो!!
अक्सर जब हम आशा खो देते हैं और लगता है कि यह अंत है भगवान ऊपर से मुस्कराते हैं और कहते हैं कि...शांत रहो वत्स...यह सिर्फ एक मोड़ है अंत नहीं...!!!

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