पक्षाघात paralysis के रोगी के लिए बहुमूल्य जानकारी और उपचार

पक्षाघात paralysis के रोगी के लिए बहुमूल्य जानकारी और उपचार

पक्षाघात (लकवा) पैरालिसिस में रोगी का आधा मुंह टेढ़ा हो जाता हैं, गर्दन टेढ़ी हो जाती हैं, मुंह से आवाज़ नहीं निकल पाती, आँख, नाक, गाल व् भोंह टेढ़ी पढ़ जाती हैं, ये फड़कते हैं और इनमे दर्द होता हैं। मुंह से लार गिरती रहती हैं।

पक्षाघात paralysis होने के लक्षण
सबसे पहला लक्षण होता हैं के व्यक्ति को बोलने में तकलीफ आती हैं, उसके शब्द टूट टूट कर बाहर आते हैं। काम करते समय सामान हाथो से छूटना, हाथ पैर जवाब दे जाते हैं, ऐसी स्थिति को पक्षाघात होना माना जा सकता हैं।

पक्षाघात paralysis कारण :
पक्षाघात होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमे प्रमुख हैं हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, बैड कोलेस्ट्रोल के बढ़ने से, या कई बार रोगी को इनमे कोई लक्षण नहीं होते तो उसको ब्लड क्लॉटिंग की वजह से भी पक्षाघात (लकवा) हो सकता हैं।

पक्षाघात paralysis के प्रकार
: शरीर के आधे भाग, दायीं या बायीं तरफ के अंग अपना कार्य बंद कर दे तो इसको अधरंग बोलते हैं।
कई बार रोगी को एक अंग में ही लकवा होता हैं तो जैसे ही लकवे के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत देसी गाय का घी गर्म कर के, अगर घी नहीं हो तो सरसों का तेल गर्म कर के, उस से तुरंत मालिश करे।,स्नेहा आयूर्वेद ग्रुप
हमारे ब्रेन के दो हिस्से हैं दायां और बायां। अगर ये अटैक हमारे बाएं हिस्से में आया हैं तो शरीर का दायां भाग नकारा हो जाता हैं और अगर ये अटैक दायें हिस्से में आया है तो शरीर का बायां भाग नकारा हो जाता हैं, और अगर दोनों भागो में अटैक आ जाए तो पूरा शरीर ही इसकी चपेट में आ जाता हैं।

पक्षाघात paralysis में आयुर्वेद दवा :
* अगर पक्षघात दायीं तरफ हैं तो : अगर शरीर का कोई अंग या शरीर दायीं तरफ से लकवाग्रस्त है तो उसके लिए व्रहतवातचिंतामणि रस (वैदनाथ फार्मेसी) की ले ले। उसमे छोटी-छोटी गोली (बाजरे के दाने से थोड़ी सी बड़ी) मिलेंगी। उसमे से एक गोली सुबह ओर एक गोली साँय को शुद्ध शहद से लेवें।
*अगर पक्षघात बायीं तरफ हैं तो : अगर कोई भाई बहिन बायीं तरफ से लकवाग्रस्त है उसको वीर-योगेन्द्र रस (वैदनाथ फार्मेसी) की सुबह साँय एक एक गोली शहद के साथ लेनी है।

क्या खायें : पीड़ित व्यक्ति को मिस्सी रोटी (चने का आटा) और शुद्ध घी (मक्खन नहीं) का प्रयोग प्रचुर मात्र मे करना है। शहद का प्रयोग भी ज्यादा से ज्यादा अच्छा रहेगा।

क्या ना खायें : लाल मिर्च, गुड़-शक्कर, कोई भी अचार, दही, छाछ, कोई भी सिरका, उड़द की दाल पूर्णतया वर्जित है, फलों मे सिर्फ चीकू ओर पपीता ही लेना है, अन्य सभी फल वर्जित हैं।स्नेहा समूह

लकवा अर्थात पक्षाघात होने पर निम्नलिखित घरेलु उपचार करने चाहिए।
1. राई, अकरकरा और शहद तीनो ६-६ ग्राम ले, राई और अकरकरा को कूट पीसकर कपड़छान कर ले तथा शहद में मिला ले। इसे दिन में 3-4 बार जीभ पर मलते रहे। लकवे में आराम मिलता हैं।
2. पच्चीस ग्राम छिला हुआ लहसुन पीसकर दूध में उबाले। खीर की तरह गाढ़ा होने पर उतारकर ठंडा होने पर खाए। पक्षघात में बहुत आराम मिलेगा।
3. सौंठ और उड़द उबालकर इसका पानी पीने से लकवा में बहुत आराम आता हैं, यह नुस्खा अनेक लोगो पर आजमाया हुआ हैं।
4.लहसुन की 5-6 कली पीसकर उसे पंद्रह ग्राम शहद में मिलाकर सुबह शाम लेने से लकवा में आराम मिलता हैं।
5. अदरक अथवा सौंठ को महीन पीसकर उसमे सेंधा नमक मिलाकर तत्काल रोगी को सुंघाए। पक्षाघात में आराम मिलेगा।
6. तुलसी की माला कमर में बांधे रखने से पक्षाघात का भय नहीं रहता।स्नेहा समूह
7. उड़द, कौंच के बीज, अरण्ड की जड़, बला, हींग और सेंधा नमक -सभी बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर रोगी को दे। इस से पक्षाघात में आराम मिलता हैं। हाथ पैर काम करने लगते हैं।
8. अरण्ड का तेल, गंधक, हरड़, बहेड़ा, आंवला और शुद्ध गुग्गल का समान भाग ले कर खूब कूटे, फिर चने के बराबर गोलिया बना ले। एक एक गोली दो तीन बार रोगी को गर्म जल से दे। पक्षाघात खत्म हो जायेगा।
रोगी को रोग की तीव्रता अनुसार इनमे 2 या 3 घरेलु नुस्खे अपनाने चाहिए। और नारायण तेल, लाक्षादि तेल अथवा माषादि तेल की मालिश करना लकवा के रोगी के लिए अत्यंत आवश्यक हैं
(हर प्रयोग के पहले योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें)

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