काल भैरव

🔴🍃#सर्व_रक्षक_भगवान🍃🔴
🌚🌗🍃#काल_भैरव🍃🌗🌚
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#श्री_कालभैरवाष्टमी_पर_विशेष_यह_लेख
दसों दिशाओं से रक्षा करते हैं #श्री_कालभैरव।
मित्रो
श्री भैरव के अनेक रूप हैं जिसमें प्रमुख रूप से #बटुक_भैरव, #महाकाल_भैरव तथा #स्वर्णाकर्षण_भैरव प्रमुख हैं। जिस भैरव की पूजा करें उसी रूप के नाम का उच्चारण होना चाहिए। सभी भैरवों में बटुक भैरव उपासना का अधिक प्रचलन है। तांत्रिक ग्रंथों में अष्ट भैरव के नामों की प्रसिद्धि है। वे इस प्रकार हैं-
1. #असितांग_भैरव,
2. #चंड_भैरव,
3. #रूरू_भैरव,
4. #क्रोध_भैरव,
5. #उन्मत्त_भैरव,
6. #कपाल_भैरव,
7. #भीषण_भैरव
8. #संहार_भैरव।
क्षेत्रपाल व दण्डपाणि के नाम से भी इन्हें जाना जाता है।
#श्री_भैरव_से_काल_भी_भयभीत_रहता_है अत: उनका एक रूप'#काल_भैरव'के नाम से विख्यात हैं।
दुष्टों का दमन करने के कारण इन्हें"आमर्दक"कहा गया है।
#शिवजी_ने_भैरवजी_को_काशी_के_कोतवाल_पद_पर_प्रतिष्ठित_किया_है।
जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में शनि, मंगल, राहु आदि पाप ग्रह अशुभ फलदायक हों, नीचगत अथवा शत्रु क्षेत्रीय हों। शनि की साढ़े-साती या ढैय्या से पीडित हों, तो वे व्यक्ति भैरव जयंती अथवा किसी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रविवार, मंगलवार या बुधवार प्रारम्भ कर बटुक भैरव मूल मंत्र की एक माला (108 बार) का जाप प्रतिदिन रूद्राक्ष की माला से 41 दिन तक करें, अवश्य ही शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
भगवान भैरव की महिमा अनेक शास्त्रों में मिलती है। भैरव जहाँ शिव के गण के रूप में जाने जाते हैं, वहीं वे दुर्गा के अनुचारी माने गए हैं। #भैरव_जी_की_सवारी_कुत्ता_है। चमेली फूल प्रिय होने के कारण उपासना में इसका विशेष महत्व है। साथ ही भैरव रात्रि के देवता माने जाते हैं और इनकी #आराधना_का_खास_समय_भी_मध्य_रात्रि_में_12_से_3_बजे_का_माना_जाता_है।
भैरव के नाम जप मात्र से मनुष्य को कई रोगों से मुक्ति मिलती है। वे #संतान_को_लंबी_उम्र_प्रदान_करते_है। अगर आप भूत-प्रेत बाधा, तांत्रिक क्रियाओं से परेशान है, तो आप शनिवार या मंगलवार कभी भी अपने घर में भैरव पाठ का वाचन कराने से समस्त कष्टों और परेशानियों से मुक्त हो सकते हैं।
जन्मकुंडली में अगर आप #मंगल_ग्रह_के_दोषों_से_परेशान_हैं_तो_भैरव_की_पूजा कराके पत्रिका के दोषों का निवारण आसानी से कर सकते है। राहु केतु के उपायों के लिए भी इनका पूजन करना अच्छा माना जाता है। #भैरव_की_पूजा_में_काली_उड़द_और_उड़द_से_बने_मिष्ठान्न इमरती, दही बड़े, दूध और मेवा का भोग लगाना लाभकारी है #इससे_भैरव_प्रसन्न_होते_है।
भैरव की पूजा-अर्चना करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य की रक्षा भी होती है। तंत्र के ये जाने-माने महान देवता #काशी_के_कोतवाल_माने_जाते_हैं। भैरव तंत्रोक्त, बटुक भैरव कवच, काल भैरव स्तोत्र, बटुक भैरव ब्रह्म कवच आदि का नियमित पाठ करने से अपनी अनेक समस्याओं का निदान कर सकते हैं। भैरव कवच से असामायिक मृत्यु से बचा जा सकता है।
खास तौर पर #कालभैरव_अष्टमी_पर_भैरव_के_दर्शन_करने_से_आपको_अशुभ_कर्मों_से_मुक्ति_मिल_सकती_है। भारत भर में कई परिवारों में #कुलदेवता_के_रूप_में भैरव की पूजा करने का विधान हैं। वैसे तो आम आदमी, शनि, कालिका माँ और काल भैरव का नाम सुनते ही घबराने लगते हैं, लेकिन सच्चे दिल से की गई इनकी आराधना आपके जीवन के रूप-रंग को बदल सकती है। ये सभी देवता आपको घबराने के लिए नहीं बल्कि आपको सुखी जीवन देने के लिए तत्पर रहते है बशर्ते आप सही रास्ते पर चलते रहे।
भैरव अपने भक्तों की सारी #मनोकामनाएँ_पूर्ण_करके उनके कर्म सिद्धि को अपने आशीर्वाद से नवाजते है। भैरव उपासना जल्दी फल देने के साथ-साथ क्रूर ग्रहों के प्रभाव को समाप्त खत्म कर देती है। #शनि_या_राहु_से_पीडि़त_व्यक्ति_अगर_शनिवार_और_रविवार को काल भैरव के मंदिर में जाकर उनका दर्शन करें। तो उसके सारे कार्य सकुशल संपन्न हो जाते है।
एक बार #भगवान_शिव_के_क्रोधित_होने_पर_काल_भैरव_की_उत्पत्ति_हुई। काल भैरव ने ब्रह्माजी के उस मस्तक को अपने नाखून से काट दिया जिससे उन्होंने असमर्थता जताई। तब ब्रह्म हत्या को लेकर हुई आकाशवाणी के तहत ही भगवान काल भैरव काशी में स्थापित हो गए थे।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में भी कालभैरव के ऐतिहासिक मंदिर है, जो बहुत महत्व का है। पुरानी धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान कालभैरव को यह वरदान है कि भगवान शिव की पूजा से पहले उनकी पूजा होगी। इसलिए उज्जैन दर्शन के समय कालभैरव के मंदिर जाना अनिवार्य है। तभी महाकाल की पूजा का लाभ आपको मिल पाता है।
!! #भैरव_साधना !!
मंत्र संग्रह पूर्व-पीठिका
मेरु-पृष्ठ पर सुखासीन, वरदा देवाधिदेव शंकर से !!
पूछा देवी पार्वती ने, अखिल विश्व-गुरु परमेश्वर से !
जन-जन के कल्याण हेतु, वह सर्व-सिद्धिदा मन्त्र बताएँ !!
जिससे सभी आपदाओं से साधक की रक्षा हो, वह सुख पाए !
शिव बोले, आपद्-उद्धारक मन्त्र, स्तोत्र मैं बतलाता,
देवि ! पाठ जप कर जिसका, है मानव सदा शान्ति-सुख पाता !!
*!! ध्यान !!*
*🌸🍃#सात्विकः-🍃🌸*
बाल-स्वरुप वटुक भैरव-स्फटिकोज्जवल-स्वरुप है जिनका,
घुँघराले केशों से सज्जित-गरिमा-युक्त रुप है जिनका,
दिव्य कलात्मक मणि-मय किंकिणि नूपुर से वे जो शोभित हैं !
भव्य-स्वरुप त्रिलोचन-धारी जिनसे पूर्ण-सृष्टि सुरभित है !
कर-कमलों में शूल-दण्ड-धारी का ध्यान-यजन करता हूँ !
रात्रि-दिवस उन ईश वटुक-भैरव का मैं वन्दन करता हूँ !!
*🔥💥#राजसिकः-💥🔥*
नवल उदीयमान-सविता-सम, भैरव का शरीर शोभित है,
रक्त-अंग-रागी, त्रैलोचन हैं जो, जिनका मुख हर्षित है !
नील-वर्ण-ग्रीवा में भूषण, रक्त-माल धारण करते हैं !
शूल, कपाल, अभय, वर-मुद्रा ले साधक का भय हरते हैं !
रक्त-वस्त्र बन्धूक-पुष्प-सा जिनका, जिनसे है जग सुरभित,
ध्यान करुँ उन भैरव का, जिनके केशों पर चन्द्र सुशोभित !!
*🌚🌗#तामसिकः-🌗🌚*
तन की कान्ति नील-पर्वत-सी, मुक्ता-माल, चन्द्र धारण कर,
पिंगल-वर्ण-नेत्रवाले वे ईश दिगम्बर, रुप भयंकर !
डमरु, खड्ग, अभय-मुद्रा, नर-मुण्ड, शुल वे धारण करते,
अंकुश, घण्टा, सर्प हस्त में लेकर साधक का भय हरते !
दिव्य-मणि-जटित किंकिणि, नूपुर आदि भूषणों से जो शोभित,
भीषण सन्त-पंक्ति-धारी भैरव हों मुझसे पूजित, अर्चित !!
*🔴🍂जय जय श्री कालभैरव🍂🔴*

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