किसी भी जातक की कुंडली में कई ऐसे योग होते हैं जिनके कारण किसी भी लड़के या लड़की के विवाह में अक्सर देरी होती है। तमाम कोशिशों के बावजूद यदि आपके बेटे या बेटी का विवाह नहीं हो पा रहा है और उसकी उम्र बढ़ती जा रही है
तो आप ज्योतिष के तमाम उपाय अपना कर इस समस्या को दूर कर सकते हैं। वैदिक ज्योतिष में बताए गए सनातनी उपायों को करने से विवाह के मार्ग में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं।
क्यों आती है विवाह में अड़चन
किसी भी जातक की कुंडली के सप्तम भाव से और नवांश कुंडली से जातक के विवाह के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।
ज्योतिष के मुताबिक कुछ ऐसे योग होते हैं जिनसे स्पष्ट हो जाता है कि विवाह होगा ही नहीं या फिर होगा तो बहुत विलंब से होगा अन्यथा विवाह में कष्ट होगा।
जैसे — सप्तम भाव का पीड़ित होना, सप्तमेश का पीड़ित होना, विवाह के कारक शुक्र का पीड़ित होना, कन्याओं की कुंडली में विवाह के कारक गुरु का पीड़ित होना, सप्तम भाव नवांश का पीड़ावान होना, मंगल की क्रूर युति पंचम या सप्तम भाव से होना,
मंगल का द्वादश भाव में मांगलिक दोष का निर्माण करना, कुंडली में वैधव्य योग होना आदि। कुंडली में विवाह संबंधी दोषों को अपनी राशि के अनुसार दूर करने का उपाय जानने के
क्यों आती है
विवाह में अड़चन
किसी भी जातक की कुंडली के सप्तम भाव से और नवांश कुंडली से जातक के विवाह के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। ज्योतिष के मुताबिक कुछ ऐसे योग होते हैं जिनसे स्पष्ट हो जाता है कि विवाह होगा ही नहीं या फिर होगा तो बहुत विलंब से होगा अन्यथा विवाह में कष्ट होगा।
मेष
यदि इस राशि के जातक के विवाह में विलंब हो रहा हो तो जातक को तीन महीने स्वर्ण जल से स्नान करना चाहिए। स्वर्ण जल से तात्पर्य ऐसे जल से है जिसमे स्वर्ण को डुबोकर कुछ समय के बाद निकाला गया हो। यदि तीन महीने के बाद भी कार्य सिद्ध न हो तो शुक्र का उपाय विधि-विधान से करें।
वृषभ
यदि इस राशि के जातक के विवाह में विलंब हो रहा हो तो उसे तीन महीने लीलामृत का पाठ या फिर उसका श्रवण करना चाहिए। यदि इससे लाभ नहीं मिलता तो तीन महीने के बाद मंगल का उपाय विधि-विधान से करना चाहिए।
मिथुन
यदि इस राशि के जातक का विवाह तमाम प्रयासों के बावजूद न हो पा रहा हो तो उसे तीन महीने बृहस्पति की चीजों का दान, गिफ्ट आदि न तो देना चाहिए ओर न ही लेना चाहिए। यदि इस उपाय का लाभ न मिले तो गुरु का उपाय विधि-विधान से करें।
कर्क
कर्क राशि के जातक का विवाह यदि तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं हो पा रहा हो और उसमें काफी अड़चनें आ रही हों तो उसे चार महीने तक हर महीने एक पीपल का पौधा लगाकर उसकी सेवा करना चाहिए। यदि इस उपाय से पूर्ण लाभ न मिले तो फिर शनिदेव का विधि-विधान से विशेष पूजन करवाना चाहिए।
सिंह
सिंह राशि के जातक को विवाह में देर हो रही समस्या से निजात पाने के लिए 13 बृहस्पतिवार का व्रत करना चाहिए। यदि 13 सप्ताह बाद भी इस उपाय का सकारात्मक परिणाम न मिले तो फिर शनिदेव का विधि-विधान से विशेष पूजन करवाना चाहिए।
कन्या
कन्या राशि के जातक विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए घर की दीवारों या जिस कमरे में रहते हैं, उस पर पीला रंग करवाएं। साथ ही गेंदे का लगाकर उसकी पूरी देखभाल करें। इस क्रिया को करने से चार महीने में सकारात्मक परिणाम मिलना चाहिए, यदि न मिले तो विधि-विधान से बृहस्पति की पूजा करवाएं।
तुला
तुला राशि के जातकों के विवाह में यदि बाधाएं आ रही हों और तमाम कोशिशों के बावजूद विवाह न हो पा रहा हो तो ऐसे जातक को दो महीने गरुण पुराण का पाठ करना चाहिए। यदि इस उपाय से लाभ न मिले तो मंगल देवता का विशेष पूजन करवाना चाहिए।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातक को विवाह संबंधी अड़चनों को दूर करने के लिए दत्त भगवान की तीन महीनें नियमित पूजा करना चाहिए। यदि इस उपाय से लाभ न मिले तो शुक्र का उपाय विधि-विधान से करना चाहिए।
धनु
यदि इस राशि के जातक के विवाह में दिक्कतें आ रही है तो उसे दो महीने तक हरवंश पुराण का पाठ करना चाहिए। इस उपाय से विवाह संबंधी मनोरथ पूर्ण होगी। यदि फिर भी लाभ न मिले तो बुध ग्रह की पूजा विधि-विधान से करें।
मकर
मकर राशि के जातक को विवाह संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रत्येक दिन बृहस्पति कवच का पाठ करना चाहिए। यदि इस उपाय से दो महीने में लाभ न मिले तो बृहस्पति देवता का विधि-विधान से पूजन करवाना चाहिए।
कुंभ
शीघ्र विवाह के लिए कुंभ राशि के जातकों को तीन महीने तक कुलगुरु स्मरणं का विधिवत पाठ करना है। यदि तीन महीने में इसका लाभ मिलता नजर न आए तो घर में एक हारण्य मणि की स्थापना कर उसकी विधि-विधान से पूजा करेंं
मीन
मीन राशि के जातकों को शीध्र विवाह के लिए 13 बृहस्पतिवार को श्री बृहस्पति अष्टोत्तर शत् नामावली का पाठ करना चाहिए।
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