क्या_आप_दही_में_नमक_मिलाकर_खाते_है?
खाने से पहले इसको जरूर पढ़ें....
प्रायः हम सभी दही खाते हैं। कोई इसमें नमक डालकर तो कोई चीनी मिलाकर खाते हैं। लेकिन कभी भी नमक के साथ दही नहीं खाना चाहिए। दही हमेशा मीठी चीज़ों के साथ ही खाना चाहिए... जैसे गुड़, बूरा या चीनी आदि के साथ।
दही को आयुर्वेद की भाषा में जीवाणुओं (बैक्टीरिया) का घर माना जाता है। लेंस से देखने पर दही में छोटे-छोटे अनगिनत बैक्टीरिया चलते फिरते नजर आते हैं। दही में मौजूद इन्हीं बैक्टीरियल गुण की वजह से तो हम दही खाते हैं। ये बैक्टीरिया जीवित अवस्था में ही हमारे शरीर में जाने चाहिए, क्योंकि जब हम दही खाते हैं तो हमारे शरीर में एंजाइम गतिविधि अच्छे से चलती है।
अगर दही में एक चुटकी भी नमक डालते हैं तो एक मिनट में सारे बैक्टीरिया मर जायेंगे तथा दही के सारे बैक्टीरियल गुण खत्म हो जायेंगे। क्योंकि नमक में जो केमिकल्स हैं वह इन जीवाणुओं के दुश्मन हैं। फिर यह दही शरीर में जाने पर हमारे किसी काम की नहीं।
आयुर्वेद में कहा गया है कि दही में ऐसी चीज मिलाएं, जो उसमें मौजूद जीवाणुओं को बढ़ाए.. ना कि उन्हें मारे या खत्म करे।
दही में गुड़ या बूरा डालते ही जीवाणुओं की संख्या मल्टीप्लाई होकर दुगुनी हो जाती है। वहीं अगर दही में मिश्री डाला जाए तो अति उत्तम होगा। यूँ ही नहीं भगवान श्रीकृष्ण मिश्री के साथ ही दही-मक्खन खाते थे।
ध्यान रखें उपरोक्त बातों को
तथा दही के गुणों का पूरा लाभ लें।
खाने से पहले इसको जरूर पढ़ें....
प्रायः हम सभी दही खाते हैं। कोई इसमें नमक डालकर तो कोई चीनी मिलाकर खाते हैं। लेकिन कभी भी नमक के साथ दही नहीं खाना चाहिए। दही हमेशा मीठी चीज़ों के साथ ही खाना चाहिए... जैसे गुड़, बूरा या चीनी आदि के साथ।
दही को आयुर्वेद की भाषा में जीवाणुओं (बैक्टीरिया) का घर माना जाता है। लेंस से देखने पर दही में छोटे-छोटे अनगिनत बैक्टीरिया चलते फिरते नजर आते हैं। दही में मौजूद इन्हीं बैक्टीरियल गुण की वजह से तो हम दही खाते हैं। ये बैक्टीरिया जीवित अवस्था में ही हमारे शरीर में जाने चाहिए, क्योंकि जब हम दही खाते हैं तो हमारे शरीर में एंजाइम गतिविधि अच्छे से चलती है।
अगर दही में एक चुटकी भी नमक डालते हैं तो एक मिनट में सारे बैक्टीरिया मर जायेंगे तथा दही के सारे बैक्टीरियल गुण खत्म हो जायेंगे। क्योंकि नमक में जो केमिकल्स हैं वह इन जीवाणुओं के दुश्मन हैं। फिर यह दही शरीर में जाने पर हमारे किसी काम की नहीं।
आयुर्वेद में कहा गया है कि दही में ऐसी चीज मिलाएं, जो उसमें मौजूद जीवाणुओं को बढ़ाए.. ना कि उन्हें मारे या खत्म करे।
दही में गुड़ या बूरा डालते ही जीवाणुओं की संख्या मल्टीप्लाई होकर दुगुनी हो जाती है। वहीं अगर दही में मिश्री डाला जाए तो अति उत्तम होगा। यूँ ही नहीं भगवान श्रीकृष्ण मिश्री के साथ ही दही-मक्खन खाते थे।
ध्यान रखें उपरोक्त बातों को
तथा दही के गुणों का पूरा लाभ लें।
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