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श्रीराम

हिंदू जनमानस में राम आदर्श की पराकाष्ठा हैं वे हमारी आस्था के शिखर स्तम्भ हैं | कोई भी राम की उपेक्षा नही करता |सम्पूर्ण विश्व में भगवान श्री राम निर्विवाद रूप से सर्वमान्य आदर्श के रूप में प्रतिष्ठित सर्वोच्च शिखर हैं जिनके द्वारा स्थापित आदर्श सबके लिये अनुकरणीय है |
आज परिवार टूट रहा है भाई भाई का दुश्मन हो गया है पुत्र माता पिता का सम्मान नही करते इसका मात्र एक ही उपाय है कि हम श्री राम जी द्वारा स्थापित आदर्शों का अनुसरण करें| भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है क्योंकि उन्होने तमाम पारिवारिक, राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक और नैतिक जिम्मेदारियों को आदर्शरूप में ख्यापित और स्थापित किया| भगवान राम जब राजा होते हैं तो पत्नी को त्यागने में पल भर भी नहीं लगाते,  भगवान राम जब पति होते हैं तो जीवन भर एकपत्नी व्रत धारण करते हैं, भगवान राम भाई के रूप में भी आदर्श स्थापित करते हैं,  मित्रता कैसे निभती है भगवान राम सिखाते हैं | न्याय करते हैं तो सामान्य प्रजा और लक्ष्मण में कोई फर्क नहीं करते |
हिंदू उन्हे आराध्य मानता है अन्य धर्म भी उन्हें कम से कम महापुरुष के रूप मे स्वीकार तो करते ही हैं कुल मिलाकर राम की स्वीकार्यता हर जगह है जो कि आज के जीवन में बहुत ही आवश्यक है | हर भारतीय भगवान श्री राम को आदर्श आराध्य के रूप में देखता है जिन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में अपनी दिव्य भगवदीय शक्तियों का उपयोग नहीं किया और सामान्य मानविकी की तरह जीवन यापन करते रहे|
आज के समय में राम जी द्वारा स्थापित आदर्श बहुत ही प्रासंगिक है और बहुत जरूरी है |
हमें अच्छा मित्र बनना है तो राम जरूरी हैं
हमें अच्छा पुत्र बनना है तो राम जरूरी हैं
हमें अच्छा पिता बनना है तो राम जरूरी हैं
हमें अच्छा पति बनना है तो राम जरूरी हैं
हमें अच्छा मित्र बनना है तो राम जरूरी हैं
हमे अच्छा नेता बनना है तो राम जरूरी हैं
हमें अच्छा न्यायाधीश बनना है तो राम जरूरी हैं
हमें अच्छा शासक बनना है तो राम जरूरी हैं
इन सबसे बढकर अगर हमें अच्छा इंसान बनना है तो राम जरूरी हैं |
जय श्री राम |

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