नीम दो किस्म का होता है। मीठा नीम और कड़वा नीम । हालांकि दोनों में ही औषधीय गुण पाए जाते हैं लेकिन कड़वा नीम का इस्तेमाल औषधि निर्माण में ज्यादा होता है। आधुनिक शोधों व अनुसंधानों ने सिद्ध कर दिया है कि नीम में अनेक औषधीय गुण हैं, जिनका कोई जवाब नहीं है।
- सांप के काटने पर नीम की पत्तियों का रस पिलाने से लाभ होता है।
- सिर में जुएं पड़ गयी हो तो निबौलियों का रस लगाने से जुंओं का नाश होता है।
- खून की खराबी दूर करने के लिए प्रतिदिन 4-6 पत्तियां नीम की चबानी चाहिए। इससे रक्त विकार दूर होकर रक्त का संचार सुचारू रूप से होता रहता है।
- पेचिश में नीम के पत्तों का अरक शक्कर में मिलाकर पीने से फौरन लाभ होता है। पेचिश होने पर मीठे नीम के पत्तों को हरड़ के साथ पीसकर सेवन करने से राहत मिलती है।
- किसी भी प्रकार की गांठ होने पर नीम के पत्तों को पानी में उबालकर पीस लें व उसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर उस स्थान पर बांध लें। फिर देखिए कितनी जल्दी ठीक होती है गांठ।
- मोटापे से निजात पाने के लिए नीम के पत्तों को घी में पकाकर चबाना चाहिए।
- पेट दर्द होने पर मीठे नीम के पत्तों का सेवन करना चाहिए।
- दमा रोग से निजात पाने के लिए नीम के तने का रस पीना चाहिए।
- दांत दर्द से निजात पाने के लिए नीम के गोंद का दुखते दांत पर लगाते ही आराम मिलता है।
- मुंह में छाले हो जाने पर व्यक्ति बुरी तरह परेशान रहता है। लेकिन परेशान मत होइए। सिर्फ 4-5 नीम की पत्तियां दिन में 2-3 बर खायें। छाले ठीक हो जाएगे। छाले होने पर नीम की छाल के बारीक चूर्ण को घी में मिलाकर लगाना चाहिए।
- यदि मूत्र त्याग में रुकावट आती हो तो नीम के पत्ते इलायची के साथ सेवन करना चाहिए।
- यदि गले में खराश हो तो मीठे नीम के साथ मिश्री की डली चबाने से राहत मिलती है।
- बुखार उतारने के लिए नीम की पत्ती के डंठल को पत्थर पर पीसकर थोड़े से पानी में गरम करके उसमें 4 बताशे मिलाकर पिला देने से बुखार उतर जाता है।
- नीम के फूलों को घोंटकर लगातार दो सप्ताह तक पीने से मलेरिया से बचाव होता है। यदि मलेरिया हो गया हो नीम के तने के अंदर की छाल को ठीक से कूटकर उसे कांसे के बर्तन में थोड़ा सा पानी डालकर गरम कर लें और कपड़े से छान लें। इसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर खाली पेट दिन में दो बार लेने से दो दिन में ही मलेरिया उतर जाता है।
- बवासीर में नीम की निबौली काफी आसरकारी उपचार है। इसके गूदे में शक्कर मिलाकर प्रतिदिन खाने से लाभ होता है।
- मुंहासे एक ऐसी चीज है जो किशोरावस्था और युवावस्था में प्रायः सबको होते हैं। यदि तीन की पत्ती और छाल का रस निकालकर रात को सोते समय मुंहासों पर लगाया जाए तो एक महीने में मुंहासे नदारद हो जाते हैं।
- नीम का तेल सभी चर्म रोगों की रामबाण औषधि है। इसलिए त्वचा में किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर इसे लगाया जा सकता है। दाद में तो यह विशेष लाभदायक है। चर्म रोगों में मीठा नीम बहुत गुणकारी है। इसके पत्तों को पीसकर उसमें थोड़ी -सी हल्दी मिलाकर लेप करने से भी लाभ होता है।
- बालों को काला, घना एवं लंबा बनाए रखने के लिए तेल में मीठे नीम के पत्तों को पकाकर उस तेल से बालों में मालिश करनी चाहिए।
- आंखों में दर्द होने पर नीम के फलों का रस पिलाने से लाभ मिलता है। यदि आंख में जाला पड़ता हो तो नीम के तने की छाल की राख को सुरमे के तौर पर लगाने से लाभ मिलता है।
- दस्त की शिकायत होने पर नीम की पत्तियों का रस पिलाने से लाभ होता है।
- यदि सिर दर्द से परेशान हों तो नीम का रस पीने से राहत मिलती है।
- चेहरे के अनावश्यक दाग-धब्बों को मिटाने के लिए नीम की पत्तियों का रस पिलाने से लाभ होता है।
- नीम की पत्तियां कीड़ों से बचाती हैं। अनाज में यदि नीम की पत्तियां मिलाकर उसे संग्रह किया जाए तो वह खराब नहीं होता।
- यदि नीम की पत्तियां जलायी जाएं तो मच्छर भाग जाते हैं।
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