सोमवार, 5 फ़रवरी 2018

तेल मालिश संबंधित नियम

कब और क्यों न करें मालिश या मसाज?

वैसे तो स्वस्थ त्वचा के लिए तेल मालिश करना नियमित दिनचर्या है लेकिन सप्ताह में इसे केवल तीन दिन ही करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को तेल मालिश करना चाहिए। जबकि रविवार, मंगलवार और शुक्रवार को तेल मालिश नहीं करनी चाहिए। अगर रोजाना करना ही हो तो फिर कुछ उपाय करने के बाद ही करें। बहरहाल सवाल यह उठता है कि रवि, मंगल और शुक्रवार को तेल से मालिश क्यों न करें? दरअसल इसके पीछे भी विज्ञान है। शास्त्र कहते हैं कि इन दिनों में तेल से मालिश करने पर रोग होने की आशंका रहती है।

तैलाभ्यांगे रवौ ताप: सोमे शोभा कुजे मृति:।

बुधेधनं गुरौ हानि: शुझे दु:ख शनौ सुखम् ॥

अर्थ- रविवार को तेल मालिश से ताप यानी गर्मी संबंधी रोग, सोमवार को शरीर के सौन्दर्य में वृद्धि, मंगलवार को मृत्यु भय, बुधवार को धन की प्राप्ति, गुरुवार को हानि, शुक्रवार को दु:ख और शनिवार को करने से सुख मिलता है।

तीन दिन क्यों नहीं
🔸🔸🔹🔸🔸
शास्त्रों के अनुसार रविवार, मंगलवार और शनिवार को तेल से मालिश करना मना है। इसके पीछे भी विज्ञान है। रविवार का दिन सूर्य से संबंधित है। सूर्य से गर्मी उत्पन्न होती है। अत: इस दिन शरीर में पित्त अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक होना स्वाभाविक है। तेल से मालिश करने से भी गर्मी उत्पन्न होती है। इसलिए रविवार को तेल से मालिश करने से रोग होने का भय रहता है। मंगल ग्रह का रंग लाल है। इस ग्रह का प्रभाव हमारे रक्त पर पड़ता है। इस दिन शरीर में रक्त का दबाव अधिक होने से खुजली, फोड़े फुन्सी आदि त्वचा रोग या उनसे मृत्यु होने का डर भी रहता है। इसी तरह शुक्र ग्रह का संबंध वीर्य तत्व से रहता है। इस दिन मालिश करने से वीर्य संबंधी रोग हो सकते हैं। अगर रोजाना मालिश करना हो तो तेल में रविवार को फूल, मंगलवार को मिट्टी और शुक्रवार को गाय का मूत्र डाल लेने से कोई दुष्प्रभाव नही होता।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If u have any query let me know.

कुंभ महापर्व

 शास्त्रोंमें कुंभमहापर्व जिस समय और जिन स्थानोंमें कहे गए हैं उनका विवरण निम्नलिखित लेखमें है। इन स्थानों और इन समयोंके अतिरिक्त वृंदावनमें...