श्रीराघवं दशरथात्मजमप्रमेयं सीतापतिं रघुकुलान्वयरत्नदीपम् |
आजानुबाहुमरविन्ददलायताक्षं रामं निशाचरविनाशकरं नमामि ||
वैदेहीसहितं सुरद्रुमतले हैमे महामण्डपे मध्ये पुष्पक आसने मणिमये वीरासने संस्थितम् |
अग्रे वाचयति प्रभञ्जनसुते तत्त्वं मुनीन्द्रैः परं व्याख्यातं भरतादिभिः परिवृतं रामं भजे श्यामलम् |
मंगल भवन अमंगल हारी| द्रबहु सुदसरथ अजिर बिहारी |
दीनदयाल बिरिदु सम्भारी ! हरहु नाथ मम संकट भारी !!
राम सिया राम सिया राम जय जय राम!
राम सिया राम सिया राम जय जय राम!
सीता माता की जय !
*****************
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननां ॥
आल्हादरूपिणीम् सिद्धिं शिवाम् शिवकरीं सतीम् ॥
नमामि विश्वजननीम् रामचन्द्रेष्टवल्लभां ॥
सीतां सर्वानवद्यान्गीम् भजामि सततं हृदा ॥
जनकसुता जग जननि जानकी। अतिसय प्रिय करुना निधान की॥
ताके जुग पद कमल मनावउँ। जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ॥
मंगल भवन अमंगल हारी| द्रबहु सुदसरथ अजिर बिहारी |
दीनदयाल बिरिदु सम्भारी ! हरहु नाथ मम संकट भारी !!
राम सिया राम सिया राम जय जय राम!
राम सिया राम सिया राम जय जय राम!
आजानुबाहुमरविन्ददलायताक्षं रामं निशाचरविनाशकरं नमामि ||
वैदेहीसहितं सुरद्रुमतले हैमे महामण्डपे मध्ये पुष्पक आसने मणिमये वीरासने संस्थितम् |
अग्रे वाचयति प्रभञ्जनसुते तत्त्वं मुनीन्द्रैः परं व्याख्यातं भरतादिभिः परिवृतं रामं भजे श्यामलम् |
मंगल भवन अमंगल हारी| द्रबहु सुदसरथ अजिर बिहारी |
दीनदयाल बिरिदु सम्भारी ! हरहु नाथ मम संकट भारी !!
राम सिया राम सिया राम जय जय राम!
राम सिया राम सिया राम जय जय राम!
सीता माता की जय !
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नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननां ॥
आल्हादरूपिणीम् सिद्धिं शिवाम् शिवकरीं सतीम् ॥
नमामि विश्वजननीम् रामचन्द्रेष्टवल्लभां ॥
सीतां सर्वानवद्यान्गीम् भजामि सततं हृदा ॥
जनकसुता जग जननि जानकी। अतिसय प्रिय करुना निधान की॥
ताके जुग पद कमल मनावउँ। जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ॥
मंगल भवन अमंगल हारी| द्रबहु सुदसरथ अजिर बिहारी |
दीनदयाल बिरिदु सम्भारी ! हरहु नाथ मम संकट भारी !!
राम सिया राम सिया राम जय जय राम!
राम सिया राम सिया राम जय जय राम!
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