गुरुवार, 28 सितंबर 2017

पं. दीनदयाल उपाध्याय के अनमोल विचार



Quote 1. : Strength lies not in unrestrained behaviour but in well regulated action.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : शक्ति असंयमित व्यवहार में नहीं बल्कि अच्छी तरह व्यवस्थित कार्रवाई में निहित है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 2. : In the past 1000 years whatever we assimilated-whether it was forced on us or we took with willingness-cannot be discarded now.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : पिछले 1000 साल में जो कुछ भी हमने आत्मसात कर लिया है – चाहे वह हमने मजबूरी किया या हमने अपनी इच्छा से किया – अब उसे हम खारिज नहीं कर सकते हैं.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 3. : It is essential that we think about ‘Our National Identity’ without which there is no meaning of ‘independence’.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : यह जरूरी है कि हम ‘हमारी राष्ट्रीय पहचान’ के बारे में सोचें इसके बिना ‘आजादी’ का कोई अर्थ नहीं है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 4. : The basic cause of the problems facing Bharat is the neglect of Its ‘National Identity’.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : भारत के सामने समस्याएँ आने का प्रमुख कारण, अपनी ‘राष्ट्रीय पहचान’ की उपेक्षा है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 5. : Opportunism has shaken the confidence of People in Poltics.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : अवसरवाद के कारण लोगों का राजनीति से विश्वास हिल गया है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 6. : Human Knowledge is common property.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : मानवीय ज्ञान सार्वजनिक संपत्ति है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 7. : Independance can be meaningful only if it becomes instrument for expression of our Culture.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : आजादी केवल तभी सार्थक हो सकती है, जब यह हमारी संस्कृति की अभिव्यक्ति का जरिया बनती है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 8. : Opportunists with no principles rein in politics of our country.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : सिद्धांतहीन अवसरवादी हमारे देश की राजनीतिक बागडोर हड़प लेते हैं.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 9. : The fundamental characteristic of Bhartiya Culture is that it looks upon life as an integrated whole.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : भारतीय संस्कृति की मूलभूत विशेषता है कि यह एक एकीकृत समग्र रूप से जीवन पर दिखती है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 10. : There is diversity and plurality in life but we have always attempted to discover the unity behind them.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : जीवन में विविधता और बहुलता है फिर भी हमने हमेशा उनके पीछे एकता की खोज करने का प्रयास किया है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 11. : Unity in diversity and the expression of unity in various forms has remained the thought of Bhartiya Culture.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : विविधता में एकता और विभिन्न रूपों में एकता की अभिव्यक्ति, भारतीय संस्कृति की सोच रही है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 12. : Conflict is not a sign of culture of Nature rather it is a symptom of their degradation.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : टकराव प्रकृति की संस्कृति का संकेत नहीं है, बल्कि यह उसके गिरावट का एक लक्षण है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 13. : Human nature has both tendencies–Anger & Greed on the one hand and Love & Sacrifice on the other.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : मानवीय स्वभाव में दोनों प्रवृतियाँ हैं – क्रोध और लालच एक हाथ पर तो दूसरे पर प्यार और बलिदान.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 14. : Religion means a creed or a sect and it does not mean Dharma.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : धर्मनिष्ठता का अर्थ एक पंथ या एक संप्रदाय है और इसका मतलब धर्म नहीं है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 15. : Dharma is very wide concept which concerns all aspects of life sustaining the society.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : धर्म बहुत व्यापक अवधारणा है जो समाज को बनाए रखने के लिये जीवन के सभी पहलुओं से संबंधित है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 16. : When nature is channeled according to the principles of Dharma, we have culture & civilisation.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : जब स्वभाव को धर्म के सिद्धांतों के अनुसार मोड़ा जाता है, हमें संस्कृति और सभ्यता के दर्शन होते हैं.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 17. : Education is an investment. An Educated individual will indeed serve society.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : शिक्षा एक निवेश है. एक शिक्षित व्यक्ति वास्तव में समाज की सेवा करेगा.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 18. : To educate a child is in the interest of society itself.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : एक बच्चे को शिक्षित करना समाज के ही हित में है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 19. : Society must enable the individual to carry out obligations towards the society by properly educating him.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : समाज को हर व्यक्ति को ढंग शिक्षित करना होगा, तभी वह समाज के प्रति दायित्वों को पूरा करने में करने सक्षम होगा.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

Quote 20. : God has given hands to every man but hands by themselves have a limited capacity to produce. They need the assistance of the capital in the form of machines.

— Pandit Deendayal Upadhyay

In Hindi : भगवान ने हर आदमी को हाथ दिये हैं, लेकिन हाथों की खुद से उत्पादन करने की एक सीमित क्षमता है. उनकी सहायता के लिए मशीनों के रूप में पूंजी की जरूरत है.

— पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

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