सोमवार, 25 सितंबर 2017

नाम जप की महत्ता

             नाम जप की महत्ता

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एक बार की बात है सम्राट एवं उनके गुरु ने मार्ग में किसी ब्राह्मण को भीख माँगते देखा ।
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सम्राट ने गुरु से पूछा-: यह क्या, एक ब्राह्मण होकर भी ये भीख मांग रहा है?*
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गुरु ने तत्काल उतर दिया-: महाराज! ये पंडित भूला हुआ है।
सम्राट ने कहा-: तो इस पंडित को रास्ते पे लाकर दिखाओ।
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गुरु ने कहा-: आ जायेगा राजन, थोड़ा समय लगेगा। कृप्या तीन माह की अवधि दीजिये। राजा ने स्वीकृति दे दी।
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शाम को गुरु ब्राह्मण के घर गये और ब्राह्मण से विद्वान होकर भीख मांगने का कारण पूछा। ब्राह्मण के बताने पर गुरु ने कहा-: कल से प्रात: आप ४ बजे जाग जायँ और मेरे लिये दो घण्टे
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॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥
॥हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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यह नाम जप करें, शाम को एक स्वर्ण मुद्रा रोज आपके घर पहुँचा दी जायेगी।
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ब्राह्मण को पहले तो यह सुन कर आश्चर्य हुआ, किंतू मन ही मन सोचा कि ऐसा करने में क्या हर्ज है? उसने जप करना  स्वीकार कर लिया। पिछले जन्म के उनके पूरे कुल के सँस्कार शुभ थे। ४ बजे उठने और नाम जप करने में कोई कठिनाई भी नहीँ हुई। रोज शाम को एक स्वर्ण मुद्रिका मिल जाने से धीरे धीरे ब्राह्मण धनवान हो गया।
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 राम नाम का अभ्यास करते करते, उनके दिव्य सँस्कारोँ ने दबे सुसंस्कारों को उभारा।
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एक दिन ब्राह्मण ने सोचा कि यदि गुरु के लिय नाम-जप ने धनाढ्य बना दिया तो स्वयं के लिये जपने से तो लोक और परलोक दोनो धनाढ्य हो जायेँगे! ऐसा सोच कर रोज दो घण्टे खुद के लिये भी जपने लगा।
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 भगवन नाम की ऐसी कृपा हुई की ब्राह्मण की कामनायेँ खत्म होने लगी और एक दिन ब्राह्मण ने गुरु से कहा-आप कृप्या सोने की मुद्रिका ना भेजेँ मैं अब केवल अपने लिये ही जप करूगा।
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राम नाम की उपासना ने मेरा विवेक एवं वैराग्य जाग्रत कर दिया, कृष्ण भक्ति की लग्न लग गयी है अब मुझे आगेकी साधना बताये और गुरु ने क्रुपा करके आगेका मार्ग बता दिया ...ब्राम्हण उस मार्ग को स्वीकार कर उसपर चल पड़ा
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एक दिन ब्राहमण ने अपनी पत्नी से कहा-: श्री हरी कृपा से अपनी गरीबी दूर हो गयी है। सब ठीक हो गया अब आप अनुमति दें तो मैं एकान्त में रहकर राम नाम जप की साधना करना चाहता हूँ। पत्नी साध्वी थी, अत: उसने तुरंत स्वीकृति दे दी।
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अब ब्राम्हण सतत प्रभु स्मरण में रंग गये। साधना फलने फूलने लगी। लोग दर्शनार्थ पधारने लगे, धीरे धीरे बात राजा तक पहुँची तो सम्राट भी एक दिन गुरु के साथ महात्मा के दर्शन करने पधारे। वापिस लौटते समय सम्राट  ने कहा महात्मन, मैं इस राज्य का सम्राट आपसे प्रार्थना करता हूँ-: यदि आपको किसी चीज की जरूरत पड़े तो नि:संकोच संदेश भिजवाईयेगा, तत्काल वह चीज़ आपको मिल जाएगी।
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ब्राह्मण मुस्कुराये और बोले-: राजन आपके पास ऐसा कुछ भी नही है, जिसकी मुझे जरूरत हो। हाँ यदि आपको कुछ चाहिये तो माँगने में संकोच न करना।
तब गुरु ने कहा-: राजन, आपने पहचाना इनको? ये वही ब्राह्मण हैं जो तीन माह पूर्व भीख माँग रहे थे। राम नाम के जप ने एक भिखारी को सच्चा दानी बना दिया है! यह सुनकर सम्राट बड़े आश्चर्य में पड़ गए।
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 सच मुच, यह महत्व है भगवान के पवित्र नामों का! अगर आप भी भौतिक इच्छाओं से परे होना चाहते हैं, तो हर रोज़ पहला काम यह करें; राम नाम का जप। यह भगवन नाम आप को भी अमीर बना देगा!!
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*चाह गई चिंता मिटी, मन हुआ बेपरवाह।*
*जिनको कछु न चाहिये, वे शाहन के शाह॥*
  *ये है राम नाम जप का प्रभाव जो एक भिखारी को भी सच्चा दानी बना देता है।*

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