||संतान गणपति स्तोत्र||
नमो$स्तु गणनाथाय सिद्धी बुद्धि युताय च।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।।
गुरू दराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते।
गेाप्याय गोपिताशेष भुवनाय चिदात्मनें।।
विश्व मूलाय भव्याय विश्वसृष्टि करायते।
नमो नमस्ते सत्याय सत्य पूर्णाय शुण्डिनें ।।
एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम : ।
प्रपन्न जन पालाय प्रणतार्ति विनाशिने ।।
शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढ़ां कुरु।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गण नायक।।
ते सर्वे तव पूजार्थ विरता : स्यु : वरो मत : ।
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकम्।।
श्रद्धा, भक्ति और विश्वास के साथ इस स्तोत्र का प्रयोग करने से सन्तान सुख की अवश्य प्राति होती है। जिन्हें कन्या रत्न है अौर पुत्र रत्न नही है तो उपरोक्त विधि से स्तोत्र का प्रयोग करनें से पुत्र रत्न की प्राप्ति हो जाती है। पुत्र प्राप्ति के लिए संकला में पुत्र संतति प्राप्तर्थे (पुत्र संतान प्राप्ति के लिए) का प्रयोग करनें से अवश्य लाभ होगा।
नमो$स्तु गणनाथाय सिद्धी बुद्धि युताय च।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।।
गुरू दराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते।
गेाप्याय गोपिताशेष भुवनाय चिदात्मनें।।
विश्व मूलाय भव्याय विश्वसृष्टि करायते।
नमो नमस्ते सत्याय सत्य पूर्णाय शुण्डिनें ।।
एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम : ।
प्रपन्न जन पालाय प्रणतार्ति विनाशिने ।।
शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढ़ां कुरु।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गण नायक।।
ते सर्वे तव पूजार्थ विरता : स्यु : वरो मत : ।
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकम्।।
श्रद्धा, भक्ति और विश्वास के साथ इस स्तोत्र का प्रयोग करने से सन्तान सुख की अवश्य प्राति होती है। जिन्हें कन्या रत्न है अौर पुत्र रत्न नही है तो उपरोक्त विधि से स्तोत्र का प्रयोग करनें से पुत्र रत्न की प्राप्ति हो जाती है। पुत्र प्राप्ति के लिए संकला में पुत्र संतति प्राप्तर्थे (पुत्र संतान प्राप्ति के लिए) का प्रयोग करनें से अवश्य लाभ होगा।
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