इष्ट देव
आइये जानते है आप के इष्ट देवकौन है ?
आप की लग्न कुंडली मैं पंचम भाव का स्वामी गृह (पंचमेश ) आपके इष्ट देव है चाहे लाख दोष हो आप के कुंडली में ग्रह अच्छा फल नहीं दे रहे हो तो आप अपने इष्ट देव की आराधना करे उन की आराधना उपासना वंदना, पूजा करने से आपके सारे काम बनने लग जायेंगे ....
इष्ट देव की आराधना आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा....
मेष लग्न = ( सूर्य देवता, गायत्री देवी आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा.....
वृषभ लग्न = ( बुध देवता, गणेश जी आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा....
मिथुन लग्न = ( शुक्र देवता , माँ दुर्गा आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा .....
कर्क लग्न = ( मंगल देवता , हनुमान जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा .....
सिंह लग्न = ( देव गुरु बृहस्पति, विष्णु जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा.....
कन्या लग्न = (शनि देवता, शिव जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा ....
तुला लग्न =( शनि देवता, शिव जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा.....
वृश्चिक लग्न= ( देव गुरु बृहस्पति, विष्णु जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा....
धनु लग्न = ( मंगल देवता, हनुमान जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा....
मकर लग्न = ( शुक्र देवता , माँ दुर्गा आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा......
कुम्भ लग्न = ( बुध देवता, गणेश जी आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी ......
मीन लग्न = (चंद्र देवता, शिव जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगा....
इष्ट देव की आराधना किसी स्वार्थ के लिए मत कीजियेगा
निःस्वार्थ भाव से की हुई पूजा पाठ लाभकारी होता है ........
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