रविवार, 7 जनवरी 2018

आनन्दरामायण में दी गयी हनुमानजी के बारह नामों की स्तुति

आनन्दरामायण में दी गयी हनुमानजी के बारह नामों की स्तुति


हनुमानंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोऽमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।
राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।। (आनन्दरामायण ८।१३।८-११)

इस स्तुति में दिए गए बारह नाम हनुमानजी के गुणों को दर्शाते हैं। श्रीराम और सीताजी के लिए हनुमानजी ने जो सेवाकार्य किया, उन्हीं का वर्णन इन नामों में हैं–

1. हनुमान

2. अंजनीसूनु

3. वायुपुत्र

4. महाबल

5. रामेष्ट

6. फाल्गुनसखा

7. पिंगाक्ष

8. अमितविक्रम

9. उदधिक्रमण

10. सीताशोकविनाशन

11. लक्ष्मणप्राणदाता

12. दशग्रीवदर्पहा

हनुमानजी के बारह नामों के पाठ का फल

जब मन किसी अज्ञात भय से घबराता हो, किसी अनहोनी की आशंका हो या कोई भीषण संकट उपस्थित हो गया हो तो हनुमानजी के इन बारह नामों का प्रात:काल सोकर उठने पर या रात्रि को सोते समय अथवा यात्रा आरम्भ करते समय पाठ करना चाहिए इससे उस व्यक्ति के सारे भय दूर हो जाते हैं; क्योंकि हनुमानजी को ‘संकटमोचन’ कहा जाता है। भगवान श्रीराम ने भी संकट-समुद्र को हनुमानजी की सहायता से पार किया था।

–कलिकाल में विशेषकर युवकों व बच्चों में हनुमानजी की उपासना अत्यन्त आवश्यक है। क्योंकि हनुमानजी बुद्धि, बल और वीर्य प्रदान कर भक्तों की रक्षा करते हैं। हनुमानजी के बारह नामों का जप उनकी उपासना का सबसे सरल रूप है।
–हनुमानजी के इन बारह नामों का जाप करते रहने से दरिद्रता और दु:खों का दहन होता है क्योंकि हनुमानजी अष्टसिद्धि नवनिधि के दाता हैं।
–इन नामों के जप से समस्त अमंगलों का नाश होता है। परिवार में दीर्घकाल तक सुख-शान्ति रहती है और मनुष्य के सभी मनोरथों की पूर्ति होती है।
–मनुष्य को राजदरबार अर्थात् सरकारी झंझटों से मुक्ति मिल जाती है।
–इन बारह नामों के उच्चारण करने से भूत-प्रेत पिशाच, यक्षराक्षस आदि भाग जाते हैं।
–इन नामों के स्मरण करने से मनुष्य की मानसिक दुर्बलता दूर होती है।
–हनुमानजी की नामोपासना करने से साधक में भी हनुमानजी के गुण–शूरवीरता, दक्षता, बल, धैर्य, विद्वता, नीतिज्ञान व पराक्रम आदि आ जाते हैं।
–हनुमानजी के नामजप से मनुष्य बुद्धि, बल, कीर्ति, निर्भीकता, आरोग्य और वाक्यपटुता आदि प्राप्त करता है।
–हनुमानजी भक्तों को रात-दिन कृपा का दान देते रहते हैं, उनके भय को मिटाते और क्लेशों को हर लेते हैं–नाशै रोग हरै सब पीरा, जपत निरन्तर हनुमत वीरा।।
–इन बारह नामों के जप से दुष्टों और वैरियों का अंत हो जाता है और मनुष्य की हर तरह से रक्षा होती है।
–हनुमानजी समस्त विघ्नों का निवारण कर आश्रितजनों का मन प्रसन्न कर देते हैं।

मंगल-मूरत मारुत-नंदन।
सकल-अमंगल मूल-निकंदन।
जय सियाराम जय जय हनुमान।।
शुभ प्रभात

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If u have any query let me know.

गजासुर का वध

 ((((((( महादेव का वरदान ))))))) 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 गज और असुर के संयोग से एक असुर का जन्म हुआ. उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासु...