1---अच्युताय नम:, अनन्ताय नम: गोविदाय नम:----इस मन्त्र का निरंतर जाप करने से हर प्रकार के रोगों का नाश होता है, तब तक रोगों से मुक्ति न मिले, श्रद्धा-पूर्वक जपना ही चाहिए l सतत जाप करने से असाध्य रोगों का भी नाश हो जाता है l
2---गच्छ गौतम शीघ्रं त्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
आसनं भोजनं यानं सर्वं मे परिकल्पय ll
इस मन्त्र का जाप करने से सभी तरह से साधन सुलभ होकर यात्रा सुखद होती है l
3---सर्पापसर्प भद्रं ते गच्छ सर्प महाविष l
जन्मेजयस्य यज्ञान्ते आस्तीकवचनं स्मर ll
आस्तीकवचनं स्मृत्वा य: सर्पो न निवर्तते l
शतधा भिद्यते मूर्धीन शिंशपावृक्षको यथा ll
जब कभी सर्प दिखाई दे, उस समय इस मन्त्र को जोर-जोर से सर्प के सामने कहने से सर्प बिना किसीको काटे लौट जाता है l रात्री में सोते समय इस मन्त्र को कहा जा सकता है, वैसे इसे कंठस्थ कर लेना चाहिए l
2---गच्छ गौतम शीघ्रं त्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
आसनं भोजनं यानं सर्वं मे परिकल्पय ll
इस मन्त्र का जाप करने से सभी तरह से साधन सुलभ होकर यात्रा सुखद होती है l
3---सर्पापसर्प भद्रं ते गच्छ सर्प महाविष l
जन्मेजयस्य यज्ञान्ते आस्तीकवचनं स्मर ll
आस्तीकवचनं स्मृत्वा य: सर्पो न निवर्तते l
शतधा भिद्यते मूर्धीन शिंशपावृक्षको यथा ll
जब कभी सर्प दिखाई दे, उस समय इस मन्त्र को जोर-जोर से सर्प के सामने कहने से सर्प बिना किसीको काटे लौट जाता है l रात्री में सोते समय इस मन्त्र को कहा जा सकता है, वैसे इसे कंठस्थ कर लेना चाहिए l
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