एक वृद्ध दंपति वृंदावन घुमने गए और वापिस आते हुए लडडु गोपाल लेते आए,महिला बिहारी जी से खुब लगाव रखती और उनका खुब ख्याल रखती।
एक बार उनके शहर मे खुब बारिश हुई सब तरफ पानी ही पानी हो गया पानी लोगो की छतो तक भर गया। सब लोग अपने अपने धरो की छतो पर चढ गए।
मईया को ख्याल आया के उसके लडडु गोपाल तो नीचे ही रह गए पर अब कुछ हो नही सकता था। थोड़ी देर मे पानी उतरना शुरू हुआ।
मईया ने नीचे आकर देखा पर मंदिर का सब समान बह चुका था और लडडु गोपाल भी नही मिले मईया को बहुत पछतावा हुआ और खुब रोने लगी।
जैसे तैसे पति ने समझाने की कोशिश की और सारे घर को साफ किया पर गोपाल जी कही नही मिले।
एक रात सोते सोते मईया को सपने मे गोपाल जी आए और बोले मईया मुझे बहुत भुख लगी है।
मईया बोली पर तु है कहा,,,
गोपाल बोले मैं तो कबसे तेरे घर मैं छत के पंखे के ऊपर बैठा हूँ मईया फटा फट ऊठी और देखा गोपाल जी सच मे पंखे पर बैठे थे।मईया ने गोपाल को गोद में ले लिया और खुब लाड लडाया और उनकी सेवा करने लगी।
एक बार उनके शहर मे खुब बारिश हुई सब तरफ पानी ही पानी हो गया पानी लोगो की छतो तक भर गया। सब लोग अपने अपने धरो की छतो पर चढ गए।
मईया को ख्याल आया के उसके लडडु गोपाल तो नीचे ही रह गए पर अब कुछ हो नही सकता था। थोड़ी देर मे पानी उतरना शुरू हुआ।
मईया ने नीचे आकर देखा पर मंदिर का सब समान बह चुका था और लडडु गोपाल भी नही मिले मईया को बहुत पछतावा हुआ और खुब रोने लगी।
जैसे तैसे पति ने समझाने की कोशिश की और सारे घर को साफ किया पर गोपाल जी कही नही मिले।
एक रात सोते सोते मईया को सपने मे गोपाल जी आए और बोले मईया मुझे बहुत भुख लगी है।
मईया बोली पर तु है कहा,,,
गोपाल बोले मैं तो कबसे तेरे घर मैं छत के पंखे के ऊपर बैठा हूँ मईया फटा फट ऊठी और देखा गोपाल जी सच मे पंखे पर बैठे थे।मईया ने गोपाल को गोद में ले लिया और खुब लाड लडाया और उनकी सेवा करने लगी।
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