सोमवार, 7 अगस्त 2017

।।नामदेव।।

।।नामदेव।।

एक बार नामदेव जी अपनी कुटिया के बाहर सोये हुए थे तभी अचानक उनकी कुटिया में आग लग गयी ।

नामदेव जी ने सोचा आज तो ठाकुर जी अग्नि के रूप में आये हैं तो उन्होंने जो भी सामान बाहर रखा हुआ था वो भी आग में ही डाल दिया ।

तब लोगों ने देखा और जैसे तैसे आग बुझा दी और चले गये ।

ठाकुर जी ने सोचा इसने तो मुझे सब कुछ अर्पण कर दिया है ठाकुर जी ने उनके लिए बहुत ही सुन्दर कुटिया बना दी ।
सुबह लोगों ने देखा कि वहाँ तो बहुत सुंदर कुटिया बनी हुई है !

उन्होंने नामदेव जी को कहा रात को तो आपकी कुटिया में आग लग गयी थी फिर ये इतनी सुंदर कुटिया कैसे बन गयी? हमे भी इसका तरीका बता दीजिए।

नामदेव जी ने कहा सबसे पहले तो अपनी कुटिया में आग लगाओ फिर जो भी सामान बचा हो वो भी उसमे डाल दो ।
लोगो ने उन्हें ऊपर से नीचे तक देखा और कहा अजीब पागल है ।

नामदेव जी ने कहा,वो ठाकुर तो पागलों के ही घर बनाता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If u have any query let me know.

कुंभ महापर्व

 शास्त्रोंमें कुंभमहापर्व जिस समय और जिन स्थानोंमें कहे गए हैं उनका विवरण निम्नलिखित लेखमें है। इन स्थानों और इन समयोंके अतिरिक्त वृंदावनमें...