रविवार, 7 जनवरी 2018

हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का चमत्कार



आज हर व्यक्ति अपने जीवन मे सभी भौतिक सुख साधनो की प्राप्ति के लिये भौतिकता की दौड मे भागते हुए किसी न किसी समस्या से ग्रस्त है। एवं व्यक्ति उस समस्या से ग्रस्त होकर जीवन में हताशा और निराशा में बंध जाता है।

व्यक्ति उस समस्या से अति सरलता एवं सहजता से मुक्ति तो चाहता है पर यह सब केसे होगा? उस की उचित जानकारी के अभाव में मुक्त हो नहीं पाते। और उसे अपने जीवन में आगे गतिशील होने के लिए मार्ग प्राप्त नहीं होता। एसे मे सभी प्रकार के दुख एवं कष्टों को दूर करने के लिये अचुक और उत्तम उपाय है हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ

हनुमान चालीसा और बजरंग बाण ही क्यों ?

क्योकि वर्तमान युग में श्री हनुमानजी शिवजी के एक एसे अवतार है जो अति शीघ्र प्रसन्न होते है जो अपने भक्तो के समस्त दुखो को हरने मे समर्थ है। श्री हनुमानजी का नाम स्मरण करने मात्र से ही भक्तो के सारे संकट दूर हो जाते हैं। क्योकि इनकी पूजा-अर्चना अति सरल है, इसी कारण श्री हनुमानजी जन साधारण मे अत्यंत लोकप्रिय है। इनके मंदिर देश-विदेश सवत्र स्थित हैं। अतः भक्तों को पहुंचने में अत्याधिक कठिनाई भी नहीं आती है। हनुमानजी को प्रसन्न करना अति सरल है

हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ के माध्यम से साधारण व्यक्ति भी बिना किसी विशेष पूजा अर्चना से अपनी दैनिक दिनचर्या से थोडा सा समय निकाल ले तो उसकी समस्त परेशानी से मुक्ति मिल जाती है।

“यह न तो सुनी सुनाई बात है ना किसी किताब मे लिखी बात है, यह स्वयं हमारा निजी एवं हमारे साथ जुडे लोगो के अनुभत है।”

उपयोगी जानकारी ,,,,हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के नियमित पाठ से हनुमान जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए प्रस्तुत हैं कुछ उपयोगी जानकारी ..

• नियमित रोज सुभह स्नान आदिसे निवृत होकर स्वच्छ कपडे पहन कर ही पाठ का प्रारम्भ करे।

• नियमित पाठ में शुद्धता एवं पवित्रता अनिवार्य है।

• हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ करते समय धूप-दीप अवश्य लगाये इस्से चमत्कारी एवं शीघ्र प्रभाव प्राप्त होता है।

• दीप संभव न होतो केवल ३ अगरबत्ती जलाकर ही पाठ करे।

• कुछ विद्वानो के मत से बिना धूप से हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ प्रभाव हीन होता है।

• यदि संभव हो तो प्रसाद केवल शुद्ध घी का चढाए अन्य था न चढाए।

• जहा तक संभव हो हनुमान जी का सिर्फ़ चित्र (फोटो) रखे ।

• यदि घर मे अलग से पूजा घर की व्यवस्था हो तो वास्तुशास्त्र के हिसाब से मूर्ति रखना शुभ होगा। नही तो हनुमान जी का सिर्फ़ चित्र (फोटो) रखे। rpd

• यदि मूर्ति हो तो ज्यादा बडी न हो एवं मिट्टी कि बनी नही रखे।

• मूर्ति रखना चाहे तो बेहतर है सिर्फ़ किसी धातु या पत्थर की बनी मूर्ति रखे।

• हनुमान जी का फोटो/ मूर्ति पर सुखा सिंदूर लगाना चाहिए।

• नियमित पाठ पूर्ण आस्था, श्रद्धा और सेवा भाव से की जानी चाहिए। उसमे किसी भी तरह की संका या संदेह न रखे।

• सिर्फ़ देव शक्ति की आजमाइस के लिये यह पाठ न करे।
• या किसी को हानि, नुक्सान या कष्ट देने के उद्देश्य से कोइ पूजा पाठ नकरे।

• एसा करने पर देव शक्ति या इश्वरीय शक्ति बुरा प्रभाव डालती है या अपना कोइ प्रभाग नहि दिखाती! एसा हमने प्रत्यक्ष देखा है।

• एसा प्रयोग करने वालो से हमार विनम्र अनुरोध है कृप्या यह पाठ नकरे।

• समस्त देव शक्ति या इश्वरीय शक्ति का प्रयोग केवल शुभ कार्य उद्देश्य की पूर्ति के लिये या जन कल्याण हेतु करे।

• ज्यादातर देखा गया है की १ से अधिक बार पाठ करने के उद्देश्य से समय के अभाव मे जल्द से जल्द पाठ कने मे लोग गलत उच्चारण करते है। जो अनुचित है।

• समय के अभाव हो तो ज्यादा पाठ करने कि अपेक्षा एक ही पठ करे पर पूर्ण निष्ठा और श्रद्धा से करे।

• पाठ से ग्रहों का अशुभत्व पूर्ण रूप से शांत हो जाता है।

• यदि जीवन मे परेशानीयां और शत्रु घेरे हुए है एवं आगे कोइ रास्ता या उपाय नहीं सुझ रहा तो डरे नही नियमित पाठ करे आपके सारे दुख-परेशानीयां दूर होजायेगी अपनी आस्था एवं विश्वास बनाये रखे।
।।जय श्री राम।।
।।जय हनुमान।।

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