रविवार, 7 जनवरी 2018

रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे

रामचरितमानस के  10 चमत्कारी दोहे, जो देते हैं हर तरह के वरदान :


(1) मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु-



'कवन सो काज कठिन जग माही।

जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।'



(2) भय व संशय निवृ‍‍त्ति के लिए-



'रामकथा सुन्दर कर तारी।

संशय बिहग उड़व निहारी।।'



(3) अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे-



'मामभिरक्षय रघुकुल नायक।

धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।'



 (4) भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु-



'सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।

सरनागत बच्छल भगवाना।।'



(5) विपत्ति नाश के लिए-



'राजीव नयन धरें धनु सायक।

भगत बिपति भंजन सुखदायक।।'



(6) रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु-



'दैहिक दैविक भौतिक तापा।

राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।


 (7) आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु-



'बिस्व भरन पोषन कर जोई।

ताकर नाम भरत अस होई।।'



(8) विद्या प्राप्ति के लिए-



'गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।

अल्पकाल विद्या सब आई।।'



(9) संपत्ति प्राप्ति के लिए-



'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।

सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।'



(10) शत्रु नाश के लिए-



'बयरू न कर काहू सन कोई।

रामप्रताप विषमता खोई।।'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If u have any query let me know.

कुंभ महापर्व

 शास्त्रोंमें कुंभमहापर्व जिस समय और जिन स्थानोंमें कहे गए हैं उनका विवरण निम्नलिखित लेखमें है। इन स्थानों और इन समयोंके अतिरिक्त वृंदावनमें...